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जोहार! झारखंड का 'अबुआ बजट 2025-26' – मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की दूरदर्शी सोच का प्रतिबिंब

झारखंड की जनता के लिए विकास, स्वावलंबन और समृद्धि की दिशा में एक निर्णायक कदम)
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन – जनमानस के नेता, धरतीपुत्र की विकास नीति
हेमन्त सोरेन, झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के प्रमुख नेता, एक ऐसे जननायक हैं जो आदिवासी, ग्रामीण और कमजोर वर्गों की आवाज को सत्ता के केंद्र तक लाने में लगे हैं। उनका नेतृत्व झारखंड के हर वर्ग – किसानों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं और उद्यमियों – के समावेशी विकास को समर्पित है।
अबुआ बजट 2025-26 इसी विज़न का अगला पड़ाव है।
बजट का गहन विश्लेषण और जनजीवन पर प्रभाव:
1. MSME निदेशालय का गठन – स्थानीय कारोबार को मिलेगा बल
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग झारखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।
अलग निदेशालय बनने से नियोजन, वित्त और विपणन में आएगा सुधार।
हज़ारों युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा।
2. राजस्व संग्रह में निरंतर वृद्धि – आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर
बजट का बढ़ता आकार राज्य के आर्थिक स्वास्थ्य को दर्शाता है।
सरकार अब ज़्यादा कल्याणकारी योजनाएं चला पाएगी।
राजस्व वृद्धि का लाभ सीधे जनता को मिलेगा – सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि में निवेश के रूप में।
3. किसानों के लिए 118 गोदाम – उपज की सुरक्षा और बेहतर मूल्य
₹259 करोड़ की योजना से किसानों को मिलेगा भंडारण का आधुनिक साधन।
मंडियों और बाजार तक पहुंचने तक उपज रहेगी सुरक्षित।
किसान अपनी फसल बिना जल्दबाज़ी के बेच सकेंगे – बिचौलियों से मुक्ति।
4. 12 करोड़ मानवदिवस – गांवों में रोज़गार की बहार
मनरेगा और स्किल डिवेलपमेंट स्कीम के माध्यम से
हर गाँव में बनेगा रोज़गार का नया आधार।
पलायन रुकेगा, गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
5. 7.5% विकास दर – निवेशकों का भरोसा, जनता का भरोसा
लगातार सुधरती विकास दर बताती है – सरकार की योजनाएं ज़मीन पर सफल हैं।
इससे देश और दुनिया के निवेशकों को मिलेगा विश्वास।
नए उद्योग, टेक्नोलॉजी हब, शिक्षा और स्किल सेंटर खुलेंगे।
महिला सशक्तिकरण – “मंईयाँ सम्मान योजना” के ज़रिए बदलाव की लहर
₹13,363.35 करोड़ का आवंटन – अब बहन-बेटियाँ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगी।
सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्यमिता को मिलेगा बढ़ावा।
महिलाओं को मिलेगा सम्मान, सुरक्षा और स्वतंत्रता का नया आधार।
हेमन्त सोरेन का संदेश:
“हमारा लक्ष्य केवल आंकड़ों का विकास नहीं, बल्कि हर गरीब, किसान, महिला और युवा के चेहरे पर मुस्कान लाना है। अबुआ बजट सिर्फ सरकारी दस्तावेज़ नहीं, ये झारखंड के हर दिल की आवाज़ है।”
कैसे बदलेगा यह बजट झारखंड की तस्वीर?
युवाओं को मिलेगा रोजगार और स्टार्टअप का समर्थन
महिलाएं बनेंगी आर्थिक रूप से स्वतंत्र
गांवों में रुकेगा पलायन, बढ़ेगी आय
किसान बनेंगे मजबूत और आत्मनिर्भर
उद्यमिता को मिलेगा बढ़ावा
निष्कर्ष
अबुआ बजट 2025-26 सिर्फ एक घोषणापत्र नहीं, बल्कि झारखंड को आत्मनिर्भर, सुरक्षित और सशक्त राज्य बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में यह राज्य जल्द ही “संवेदनशील शासन और सर्वजन हिताय” के आदर्श पर अग्रसर होगा।