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भारत में बड़े डिजिटल एक्शन: सूक्ष्म विवरण के साथ

सरकार ने की 25 स्ट्रीमिंग ऐप्स और वेबसाइट्स की ब्‍लॉकिंग

  • सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने IT एक्ट 2000 और IT Rules 2021 के तहत 25 प्रमुख बॉलीवुड और इंडी (जैसे Ullu और ALTT) वीडियो प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया है।
  • ये सभी सेवाएं कथित तौर पर “उत्तेजक” और “वयस्क सामग्री” की अनुमति देती हैं और मास-मार्केट उपयोगकर्ताओं द्वारा खूब पसंद की गई हैं।

प्रमुख आपत्तिजनक कंटेंट की मांग क्यों?

  • National Commission for Protection of Child Rights और संसद की Standing Committee ने निरंतर चिंता जताई कि बिना पर्याप्त निगरानी के इन प्लेटफ़ॉर्म्स पर वयस्क सामग्री संचालित हो रही है।
  • मुद्दा यह है कि परिवार और संवेदनशील दर्शकों की सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना ऐसे कंटेंट का प्रसारण हो रहा था।

कैसे हुआ प्रतिबंध लागू?

  • Google Play और Apple App Store को निर्देशित किया गया कि संबंधित ऐप्स को प्लेटफ़ॉर्म से हटाया जाए।
  • ISPs (इंटरनेट सेवा प्रदाता) को इन वेबसाइटों पर ब्‍लॉक लगाना कहा गया।
  • कुछ ऐप्स अभी भी APK वर्ज़न या थर्ड-पार्टी साइट्स पर उपलब्ध हैं।

आर्थिक प्रभाव: आय और डाउनलोड आंकड़े

  • 25 स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स में से 10 ऐप्स ने 105 मिलियन डाउनलोड के साथ $5.7 मिलियन की इन-ऐप खरीदारी हुई।
  • ALTT प्लेटफ़ॉर्म ने ₹202.6 मिलियन (लगभग $2.3M) 2025 में कमाए, वहीं Ullu ने ₹931 मिलियन (≈ $11M) का राजस्व दिखाया।

ट्रैफिक रुझान: उपयोगकर्ता सहभागिता

  • Ullu: जून 2025 में 1.9 मिलियन वैश्विक विज़िटर, भारत में 18.9% वृद्धि
  • ALTT: समान समय सीमा में 130% ग्लोबल ग्रोथ, भारत में 157.8% बढ़ोतरी

प्रतिबंध का प्रभाव और मुश्किल जीरो-टॉलरेंस का?

  • कई कंटेंट प्रदाता नए डोमेन, नाम और ऐप्स के ज़रिए पुनः प्लेटफ़ॉर्म पर लौट आते हैं।
  • भुगतान मीडियम व एप स्टोर्स सहित कई बीचवाली संस्थाओं के लिए पूरी तरह रोकना चुनौतीपूर्ण रहा है।

⚖️ मुख्य बहस: बोल्ड कंटेंट vs. सेंसरशिप

विषयविवरण
नियम स्पष्टता की कमीवयस्क सामग्री पर क्या प्रतिबंध होना चाहिए, यह अभी भी अस्पष्ट है।
फ़्रीडम ऑफ एन्हार्जकई आलोचकों का कहना है कि कोर्टीनियस कंटेंट जबकि कानूनी है, उसे ब्लॉक करना अभिव्यक्ति की ख़बर को कमजोर कर सकता है।
टेक्नॉलजी की पारदर्शितागूगल, एप्पल या ISPs को कंटेंट मॉनिटरिंग और नियम बनाने में सुधार की आवश्यकता है।
मार्केटिंग vs सुरक्षाकम-कॉस्ट सब्सक्रिप्शन मॉडल वाले छोटे स्ट्रीमिंग ऐप्स मास‑मार्केट तक पहुँचते हैं लेकिन सुरक्षा व्यवस्था कम रहती है।

अब तक की स्थिति: क्या बदला?

एजेंसियों की सक्रियता:

  • सितंबर 2025 तक Appfigures और SimilarWeb रिपोर्ट्स की समीक्षा में बताए गए खर्चे और ट्रैफ़िक डेटा का उपयोग करते हुए सरकार ने प्रतिबंध जारी किया है।
  • Balaji Telefilms, Ullu Digital जैसी कंपनियों की आय और Subscriber डेटा सार्वजनिक रही और उसकी पुष्टि रिपोर्ट्स में हुई।

जारी प्राथमिकताएं:

  • India Supreme Court ने अप्रैल 2025 में गिरफ़्तार किए गए कोर्टीनियस क्लैम और OTT प्लेटफ़ॉर्म्स पर चेतावनी दी थी — हालात अभी भी निगरानी के दायरे में हैं।
  • कई मॉनिटरिंग प्लेटफ़ॉर्म जैसे केबल ऑपरेटर और ऑनलाइन स्टोर प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं क्योंकि इन कंटेंट को वेब स्पेस में वापस जाने का झंझट है।

भविष्य की संभावनाएँ और चुनौतियाँ:

  • नए ऐप्स और डोमेन सामने आएंगे, जिन्हें रोकना मुश्किल होगा। उपयोगकर्ता सोशल मीडिया लिंक और थर्ड-पार्टी ऐप्स से फिर से जुड़ सकते हैं।
  • Government और Payment Processors के बीच लगातार डायलॉग चल रहा है—इससे आगे की रणनीति तय होगी।
  • Creators और Platforms के बीच नियमों की स्पष्टता और संवाद आवश्यक हो गया है।

निष्कर्ष

  • यह भारत की अब तक की सबसे बड़ी डिजिटल सामग्री ब्लॉकिंग पहल है, जो कंटेंट, सुरक्षा, और अभिव्यक्ति की आज़ादी की बीच संतुलन बनाने की जद्दोजहद है।
  • विरोधः डेव्हलपर्स और Creators ने सरकार और प्लेटफ़ॉर्म्स पर बिना नोटिस के कार्रवाई करने की आलोचना की है।
  • समर्थनः कई अभिभावक, NGOs और Child Rights समूहों का कहना है कि बिना सुरक्षित व्यवस्था के अश्लील कंटेंट के प्रसारण पर रोक जारी रहनी चाहिए।

यह घटनाक्रम डिजिटल युग, कंटेंट मॉडरेशन, और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स की ज़िम्मेदारी का महत्‍वपूर्ण दृष्टिकोण है, जो आने वाले समय में कंटेंट क्रिएशन और सर्कुलेशन की दिशा तय करेगा।