“All Eyes On Sharmistha” – अब यह मुद्दा सिर्फ भारत का नहीं रहा, दुनिया की नज़रें अब कोलकाता पर!

All Eyes On Sharmistha” – अब यह मुद्दा सिर्फ भारत का नहीं रहा, दुनिया की नज़रें अब कोलकाता पर!

क्या हुआ

22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर Sharmistha Panoli को कोलकाता पुलिस ने उनके एक वीडियो के लिए गिरफ्तार किया, जिसमें उन्होंने कथित रूप से आपत्तिजनक, धार्मिक रूप से संवेदनशील भाषा का इस्तेमाल किया।

उन पर लगे हैं आरोप:

  • धार्मिक वैमनस्य फैलाना

  • भावनाएं भड़काने की नीयत

  • शांति भंग करने की आशंका

 पर अब यह मामला सिर्फ स्थानीय नहीं रहा…


 Dutch Parliament से आई आवाज़: “Free Sharmistha Now!”

नीदरलैंड्स के सांसद और राइट विंग पार्टी के नेता Geert Wilders ने इस गिरफ्तारी को बताया “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला”

 उन्होंने X (Twitter) पर लिखा:

“Free the brave Sharmistha Panoli! ये फ्री स्पीच के लिए शर्मनाक है। उसे सच्चाई बोलने की सज़ा मत दो। @narendramodi मदद करें!”

उनके पोस्ट के साथ लिखा था: “All Eyes On Sharmistha”


 क्या कहा पवन कल्याण ने?

जन कल्याण सेना के नेता Pawan Kalyan ने कहा:

“शर्मिष्ठा ने माफ़ी मांगी, वीडियो हटाया, लेकिन TMC सांसद जब सनातन धर्म को ‘गंदा धर्म’ कहते हैं, तब क्यों चुप्पी है? क्या सेक्युलरिज़्म सिर्फ एकतरफा है?”


 पुलिस का जवाब क्या है?

कोलकाता पुलिस ने साफ़ कहा:

 “हमने हर कानूनी प्रक्रिया का पालन किया है। गिरफ्तारी कोर्ट के वॉरंट के बाद हुई है।
 कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन वह अनुपस्थित रहीं।
 उन्हें गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया और कोर्ट में पेश किया गया।”


 ये बहस अब है:

  • क्या फ्री स्पीच की परिभाषा सभी के लिए समान है?

  • क्या एक पक्ष को माफ़ी का मौका और दूसरे को जेल मिलती है?

  • क्या राजनीतिक टिप्पणियाँ धार्मिक भावनाओं से ऊपर हैं?


 निष्कर्ष:

 एक वायरल वीडियो, एक गिरफ्तारी, और अब एक अंतरराष्ट्रीय बहस!
Sharmistha Panoli की गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया से लेकर संसद और अंतर्राष्ट्रीय मंच तक हलचल मचा दी है।

 अगला सवाल: क्या अभिव्यक्ति की आज़ादी समान रूप से लागू होगी? या ये सिर्फ एक दिशा में बहती हवा बन चुकी है?